20+ 🔥बेशर्म राजनीति शायरी 🔥| Political shayari in Hindi
बेशर्म राजनीति शायरी, स्टेटस, कोट्स हिंदी

बेशर्म राजनीति पर हिंदी शायरी स्टेटस कोट्स

Political shayari in Hindi
बेशर्म राजनीति हिंदी शायरी, स्टेटस, कोट्स

बेशर्म राजनीति हिंदी शायरी, स्टेटस, कोट्स
बेशर्म राजनीति पर कटाक्ष शायरी
बिलकुल! यहां दी जा रही है एक तीखी, व्यंग्यात्मक और प्रभावशाली **”बेशर्म राजनीति शायरी”** की पोस्ट — जो 1000 शब्दों तक विस्तार किया जा सकता है। इसमें नेताओं की बेशर्मी, वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार और दोहरे चरित्र पर करारा तंज किया गया है।
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# 🚩 बेशर्म राजनीति शायरी
🎭 झूठे वादों की दुकान
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वो कहता है सड़क बनेगी, स्कूल खुलेंगे गाँव में,
पांच साल बीते, अब खुद नहीं दिखता उस ठाँव में।
वादों की तिजोरी में सच का सिक्का नहीं,
इनकी बेशर्मी पर अब हंसी भी रोती है कहीं।
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💼 नेता और कुर्सी का इश्क
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कुर्सी से ऐसा इश्क़ निभाया गया,
जनता को हर पांच साल में ठगाया गया।
भाषणों में गांधी, कामों में लुटेरा निकला,
जन सेवा के नाम पर ख़ज़ाना डकार गया।
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🤥 वादा करके मुकर जाना
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वादा किया था बेरोज़गारी हटाएंगे,
अब फॉर्म भरने का टैक्स बढ़ाएंगे।
नेता बोले – “हर हाथ को काम देंगे”,
मगर अपनों को ठेका और जनता को जाम देंगे।
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🔥 शर्म को शर्मिंदा करने वाले
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इनके मुंह से ‘ईमानदारी’ सुनकर
आईना भी हँस पड़ा,
बेशर्मी इतनी कि
झूठ भी थक कर सच बन पड़ा।
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🧠 जनता की याददाश्त पर भरोसा
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इनका भरोसा जनता की भूलने की आदत पर है,
पिछले जख्मों की पपड़ी पर नया मरहम चिपकाते हैं।
हर बार नई टोपी पहनाकर वही धोखा,
हर बार नया नारा, मगर इरादा पुराना ही होता है।
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🏛️ चुनावी मौसम की राजनीति
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मत पूछो कैसे चेहरे बदलते हैं चुनाव से पहले,
कल जो दुश्मन थे, आज भाई बन गए झट से।
हर बार नया रंग, हर बार नया स्वांग,
बेशर्म राजनीति का अब यही है अंदाज़।
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💣 बिकता है लोकतंत्र
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जनता के वोट बिकते हैं शराब और साड़ी में,
विकास की बातें मरती हैं हर रैली की माड़ी में।
नेता चिल्लाते हैं – ‘लोकतंत्र ज़िंदा है’,
पर सच तो ये है कि ये रोज़ बोली में बिकता है।
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🤡 दोहरे चेहरे, दोहरी बातें
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दिन में गांधी, रात में गोडसे,
चुनाव के वक्त सब कुछ है माफ़ से।
मंदिर-मस्जिद से वोट बटोरो,
और फिर पांच साल बस चैन से सो लो।
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📢 मीडिया और सत्ता की सांठगांठ
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जो सच बोले, वो ‘एंटी नेशनल’ ठहराया जाता है,
जो झूठ बोले, उसे चैनलों में बिठाया जाता है।
बेशर्म राजनीति अब TRP की सौदागर है,
जहां सवाल मरते हैं और प्रोपेगंडा उभार लेता है।
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👥 जनता की चुप्पी – सबसे बड़ी साज़िश
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हम भी दोषी हैं, ये बात मानो,
हर बार धोखा खाकर फिर इन्हें जानो।
जब तक वोट की ताकत नहीं समझोगे,
बेशर्मों का राज यूं ही चलता जाएगा।
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✍️ निष्कर्ष – सवाल उठाओ, चुप न रहो
बेशर्म राजनीति को रोकने का एक ही तरीका है – सवाल उठाना। जब तक जनता चुप है, ये झूठ और बेशर्मी बेखौफ चलती रहेगी।
👉 अंतिम शायरी:
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अब चुप रहना बंद करो, सवाल करो ज़ोर से,
वरना फिर बिकेगा वोट, और तुम्हारा हक़ भी चोरी से।
बेशर्मों की ये सियासत अब और न चलेगी,
अब जनता भी जवाब मांगेगी, और खुलकर बोलेगी।
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📢 यह शायरी आपको कैसी लगी?
अगर आपकी भी राजनीति से जुड़ी कुछ कड़वी बातें हैं, तो कमेंट में ज़रूर शेयर करें। इस पोस्ट को शेयर करें ताकि हर कोई जाने कि **सत्ता में बेशर्मी कितनी गहराई तक घुसी हुई है**।

मैं एक कवि, लेखक व डिज़ाइन इंजीनियर हूँ। मैं मूलत: मंडी हिमाचल प्रदेश का निवासी हूँ। मैं ने अपनी वेबसाइट www.FocusHindi.com के माध्यम से अपनी स्वरचित रचनाएँ आपके समक्ष रखने का प्रयास किया है। मुझ जैसे नवरचाकर का मनोबल बढ़ाने के लिए तथा www.FocusHindi.com के स्तर में नियमित गुणात्मक वृद्धि के लिए आप अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया एवं सुझाव जरूर दें