प्यारे पाठको महिला अत्याचार पर शायरी स्लोगन स्टेटस कोट्स और बेटी पर अत्याचार शायरी पढ़ने से पहले हम आपको बता देते हैं कि हमारी वेबसाइट पर महिला सुरक्षा पर शायरी, बहू और बेटी में फर्क स्टेटस, ज़ुल्म के खिलाफ शायरी इत्यादि पोस्ट की गई है जरूर पढ़ें। दिन-ब-दिन महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के ख़िलाफ़
जुल्म और तानाशाही कितनी भी कोशिश कर ले एक ना एक दिन जुल्म और तानाशाही के खिलाफ छोटी सी चिंगारी विकराल रूप धारण कर लेती है। सहने की भी एक सीमा होती है जब किसी रबड़ के दो सिरों को पकड़कर खींचते हैं तो जब ज्यादा जोर पड़ता है तो रबर टूट कर खींचने वाले
जुल्म के खिलाफ आवाज समय-समय पर उड़ती रही है कभी इस आवाज ने सियासत को पलटा और कभी अत्याचार के खिलाफ उठती यह आवाज सियासत के द्वारा दफना दी गई। कहते हैं जुल्म करना तो गुनाह है ही मगर जुल्म को सहना भी गुनाह है। इसलिए जुल्म के खिलाफ आवाज हमेशा बुलंद करनी चाहिए। इस