जिस किसी गांव के विकास की अगर कहीं बात होगी तो उस गांव के मुखिया की भी बात होगी। फिर चाहे उस मुखिया ने गांव का विकास किया हो या नहीं। गांव का विकास हुआ या नहीं हुआ दोनों ही परिस्थितियों में जिम्मेवारी चुने हुए प्रतिनिधियों की ही बनती है। इसीलिए आप अपने गांव को
“धर्म जाति से ऊपर उठकर, ईमानदार भेजो इस बार चुनकर” राजनीति और बेईमान नेताओं का रिश्ता अक्सर उजागर होता रहा है। कई ऐसे भ्रष्टाचार हुए जो बेईमान सरपंच बेईमान नेता की वजह से हुए हैं और कई नेताओं को भ्रष्टाचार की सजा काटने के लिए जेल तक जाना पड़ा है बहुत से ऐसे बेईमान नेता
चुनाव जीत की शायरी “हमारे क्षेत्र का बुरा समय अब बीत गया, इस बार ईमानदार सरपंच चुनाव जीत गया” हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए हमारे देश में नियमित कहीं ना कहीं में चुनाव चलते रहते हैं। चाहे वो विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव या राज्यसभा चुनाव या पंचायत चुनाव या यूनिवर्सिटी या