Tag: Julm shayari

[TOP] 21+ तानाशाही के खिलाफ शायरी | अन्याय के खिलाफ शायरी

जुल्म और तानाशाही कितनी भी कोशिश कर ले एक ना एक दिन जुल्म और तानाशाही के खिलाफ छोटी सी चिंगारी विकराल रूप धारण कर लेती है। सहने की भी एक सीमा होती है जब किसी रबड़ के दो सिरों को पकड़कर खींचते हैं तो जब ज्यादा जोर पड़ता है तो रबर टूट कर खींचने वाले

[Best] 21+ जुल्म के खिलाफ शायरी | अत्याचार शायरी, स्टेटस

जुल्म के खिलाफ आवाज समय-समय पर उड़ती रही है कभी इस आवाज ने सियासत को पलटा और कभी अत्याचार के खिलाफ उठती यह आवाज सियासत के द्वारा दफना दी गई। कहते हैं जुल्म करना तो गुनाह है ही मगर जुल्म को सहना भी गुनाह है। इसलिए जुल्म के खिलाफ आवाज हमेशा बुलंद करनी चाहिए। इस