[TOP] 21+ Best Ghar par shayari in Hindi | घर पर बेहतरीन हिंदी शायरी
शायद ही कोई ऐसा होगा जिसको अपने घर पर सकून ना मिले। घर एक ऐसी जगह है जहां पर हर इंसान चैन की सांस लेता है। अगर वह घर फिर गांव वाला हो तो सोने पर सुहागा हो जाता है।
अपने गांव के घर की याद में हमने कुछ शायरी लिखने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है आपको हमारी लिखी Ghar par shayari जरूर पसंद आएगी।
अगर घर पर लिखी हमारी यह हिंदी शायरी आपको आपके घर की याद दिलाए तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
Ghar par shayari | घर पर शायरी | घर की याद शायरी
जिस घर के आंगन में बैठकर सुकून मिलता था
बुजुर्गों की साहसी बातें सुन जुनून मिलता था
ना जाने कहां खो गए वो घर वो घर के आंगन
जहां हर शुभ काम से पहले शुगून मिलता था
शहर की चौड़ी सड़कें
गांव की पगडंडियों के आगे फीकी है
शहर के ऊंचे मकानों की ऊंचाई
गांव की झोपड़ियों के आगे फीकी है
घर की जिम्मेदारी उठाने घर से निकला हूँ
गांव का स्वर्ग छोड़कर भटकने शहर निकला हूँ
घर होते थे
घर पर बुजुर्गों की छांव होती थी
जब से शहरों में बिन आंगन के मकान बने है
तब से खो गई है वो रौनक
जो शाम होते ही गांव के आंगन में होती थी
घर पर हिंदी शायरी
घर को घर ही रहने दो, घर को मकान मत होने दो
खोकर शहरों की भीड़ में गांव को सुनसान मत होने दो
प्रेम भाव रखो तो लौट आएंगे फिर वो दिन मेलजोल वाले
दिल को दिल ही रहने दो, दिल को चट्टान मत होने दो
गांव के घर की बात ही कुछ और है
एक तरफ शाम सुहानी दूसरी तरफ़ ताज़गी भरी भोर है
सचमुच स्वर्ग से कम नहीं गांव का घर
जहां एक तरफ पंछियों की चहचहाहट
दूसरी तरफ बचपन का शोर है
काश लौट आता वो जो गांव में गुज़रा दौर है
Ghar par shayari in Hindi
मां बाप के बिना घर घर नहीं लगता
खाए पिए का असर नहीं लगता
गांव की मुझे याद बहुत आती है
एक पल भी मेरा दिल शहर नहीं लगता
रिश्ते अब बेजान हो गए हैं
घर अब मकान हो गए हैं
पढ़ने चले गए हैं शहर सब बच्चे
गांव अब सुनसान हो गए हैं
छोड़कर स्वर्ग सा गांव का घर
नादान शहर में मकान ढूंढ रहा है
ठुकरा कर मां-बाप के प्यार को
मंदिर मस्जिदों में भगवान ढूंढ रहा है
Maa aur Ghar pe shayari | Ghar par shayari
जब मां होती थी
तब मकान घर होता था
मुसीबत हमारा बाल भी बांका नहीं कर पाती
सचमुच मां की दुआओं में असर होता था
हर ओर खुशियों की लहर होती है
मेरी मां जब घर पर होती है
घर से दूर तो रह लूंगा
मगर मां से दूर रहूं कैसे ?
अजीब सी चुभन है इन शहर के मकानों में
इस चुभन का दर्द मैं कहूं कैसे ?
घर और मकान में फ़र्क समझ लो
घर को स्वर्ग मकान को नर्क समझ लो
घर पर शायरी | Ghar par shayari
एक अजब सी रौनक छाई जाती है घर पर
जब मां की आहट सुनाई देती है घर पर
घर की अहमियत उन से पूछो
जिनके ऊपर घर की छत नहीं
क्या होती है परेशानियां उन से पूछो
परेशानियों की जिनको राहत नहीं
मेरा दिल खुशी से आज सातवें आसमान पर है
क्योंकि मेरे कदम गांव के घर की ओर जा रहे हैं
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Ghar par shayari in Hindi
भागते दौड़ते शहर में भला आराम कहां है
जो सुकून गांव के घर में है जनाब
वो सुकून शहर के मकान में कहां है
पापा के साथ गांव के घर आया तो पता चला
घर किसे कहते हैं
मैं तो शहर के मकानों को ही घर समझ बैठा था
होगी लोगों को तलाश स्वर्ग की
जिन्हें मां के चरणों की धूल नसीब नहीं
मेरा तो स्वर्ग मेरे घर पर ही है
Ghar par shayari in Hindi
जिन्हें थी तलाश ख़ुदा की वो तीर्थ को चले गए
हमने भी घर पर मां का चेहरा देखा
और ख़ुदा के साक्षात दर्शन पाकर हम धन्य हो गए
कुछ नासमझ लोगों को
घर की क़ीमत घर से बेघर होने पर ही पता चलती है
अजीब लोग बसते हैं तेरी बनाई दुनिया में ए-खुदा
जिन्हें घर नसीब नहीं वह घर तलाश रहे हैं
और जिन्हें घर नसीब है वो घर के हिस्से चाहते हैं
मानों ख़ुदा ने हमें पुकारा हो
घर पर जब माँ आवाज़ लगाती है
दोस्तों घर पर शायरी लिखी हमारी शायरी पढ़ने के लिए आपका सबका बहुत बहुत धन्यवाद! Ghar per shayari in Hindi कि हमारी यह पोस्ट आपको कैसी लगी हमें अपने कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। अगर आपको शायरी पसंद आई तो इस पोस्ट को अपने फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर जरूर शेयर करें।
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