[TOP] निस्वार्थ सेवा शायरी | Niswarth sewa quotes in Hindi
निस्वार्थ सेवा शायरी कि हमारी यह पोस्ट समर्पित है उन समाजसेवियों को जो निस्वार्थ सेवा करते हुए अपने जीवन को व्यतीत करते हैं। आज हर काम इंसान स्वार्थ और मजबूरी से करता है। लेकिन हर कोई इंसान स्वार्थी नहीं होता है कुछ लोग होते हैं जो समाज में बदलाव अपने दम पर लाते हैं। तो आइए निस्वार्थ सेवा शायरी कि हमारी यह पोस्ट उन सभी सच्चे समाजसेवियों को याद करते हुए पढ़ते हैं।
निस्वार्थ सेवा शायरी | Niswarth sewa quotes | समाज सेवा शायरी
सेवा का भाव रखते हो तो निस्वार्थ रखिए
प्यार का भाव रखते हो तो दिल से रखिए
जिन रिश्तों में रहता है स्वार्थ का भाव
उन रिश्तों से हमेशा दूरी रखिए
ना धन चाहिए ना दौलत चाहिए
ना ही गाड़ी ना मकान चाहिए
सेवा करने के लिए तो केवल
निस्वार्थ सेवा का भाव चाहिए
जनसेवा पर शायरी
उनकी सलामती की ख़ुदा से दुआ करते हैं
जो निस्वार्थ समाज की सेवा करते हैं
तन से करो चाहे धन से करो
करो सेवा तो निस्वार्थ मन से करो
सेवा करो तो करने का दिखावा मत करो
निस्वार्थ सेवा का भाव अगर मन में नहीं
तो सेवादार होने का दावा मत करो
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अपनों को तो सब लगाते हैं
किसी गैर को गले लगा कर तो देखो
अपार सुख अनुभव होगा
किसी ग़रीब की निस्वार्थ भाव से सेवा करके तो देखो
दिखावे और स्वार्थ के लिए करते हो तो मत कीजिए
किसी की सेवा करनी है तो निस्वार्थ मन से कीजिए
निस्वार्थ सेवा शायरी
मां एक साक्षात रूप है निस्वार्थ भाव का
इस रूप में समर्पण है,
प्रेम है, त्याग है, सहनशीलता है, दया है
सचमुच वे इंसान पूजनीय है
जो किसी जरूरतमंद की ज़रूरत को अनदेखा नहीं करते
और किसी की मज़बूरी में अपना स्वार्थ देखा नहीं करते
भगवान भी उनको खुशियाँ और सुख देते हैं
जो असहाय और जरूरतमंद की सेवा
निस्वार्थ भाव से करते हैं
प्यार, मोहब्बत रिश्तों में निरंतर रखिए
अपने पराए में अंतर रखिए
मिलेगी मन को ख़ुशी बहुत
निस्वार्थ सेवा का ज़िंदगी में मंत्र रखिए
ज़िंदगी के सफ़र को खुशनुमा कीजिए
धन दौलत से नहीं खरीदी जा सकती खुशी
इसके लिए निस्वार्थ सेवा भाव का धन जमा कीजिए
इंसान हो तो इंसानियत के काम कीजिए
किसी की मज़बूरी को ना बदनाम कीजिए
सिर्फ़ दिखावे के लिए मत करना
कर सकते हो तो निस्वार्थ भाव से सेवा का दान कीजिए
जिनके अंदर इंसानियत की भावनाएँ छुपी होती है
निस्वार्थ सेवा वही करते हैं
वरना इंसान तो रिश्तो को तभी तक पहचानता है
जब तक रिश्ते में स्वार्थ छुपा होता है
जिस रिश्ते में निस्वार्थ भाव है
ना मन में कोई मनमुटाव है
उस रिश्ते का टूटना मुश्किल है
जिसमें ना कोई भेदभाव है
निस्वार्थ सेवा शायरी
निस्वार्थ किसी का हाथ थाम कर तो देखो
किसी बेगाने को अपना मान कर तो देखो
धरती पर ही हो जाएगा स्वर्ग का एहसास
ख़ुद के अंदर बसे भगवान को जान कर तो देखो
कौन कहता है ज़िंदगी में खुशहाली नहीं होती
मौसम में बहार और फ़िजाओं में हरियाली नहीं होती
उनकी किस्मत कभी खाली नहीं होती
तीर्थ और हज में जाने से क्या फायदा
अगर निस्वार्थ मन से मां बाप की सेवा ना की
निस्वार्थ सेवा और समर्पण का भाव चाहिए
इंसान का इंसानियत से लगाव चाहिए
बदलाव देखना चाहते हैं ज़माने में तो
सबसे पहले ख़ुद में बदलाव चाहिए
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मैं एक कवि, लेखक व डिज़ाइन इंजीनियर हूँ। मैं मूलत: मंडी हिमाचल प्रदेश का निवासी हूँ। मैं ने अपनी वेबसाइट www.FocusHindi.com के माध्यम से अपनी स्वरचित रचनाएँ आपके समक्ष रखने का प्रयास किया है। मुझ जैसे नवरचाकर का मनोबल बढ़ाने के लिए तथा www.FocusHindi.com के स्तर में नियमित गुणात्मक वृद्धि के लिए आप अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया एवं सुझाव जरूर दें